ईरान और इसराइल की सैन्य तुलना: एक विश्लेषण

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By Maanav Parmar

ईरान और इसराइल की सैन्य तुलना: एक विश्लेषण

प्रस्तावना

मध्य पूर्व विश्व का सबसे संवेदनशील और अस्थिर क्षेत्र माना जाता है, जहाँ ईरान और इसराइल दो प्रमुख सैन्य शक्तियाँ हैं। दोनों देशों के बीच तनाव कई दशकों से चला आ रहा है, जिसमें धार्मिक, राजनीतिक और सामरिक मतभेद शामिल हैं। ईरान इसराइल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है, जबकि इसराइल ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसकी प्रॉक्सी युद्ध नीति को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। इस लेख में, हम दोनों देशों की सैन्य शक्ति का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, जिसमें सैनिकों की संख्या, वायु सेना, नौसेना, मिसाइल क्षमता और अन्य रणनीतिक पहलुओं की तुलना की जाएगी।


1. सैन्य संख्या और संरचना

ईरान की सैन्य क्षमता

ईरान की सशस्त्र सेनाएँ तीन मुख्य घटकों में विभाजित हैं:

  1. नियमित सेना (Artesh) – जिसमें थल सेना, वायु सेना और नौसेना शामिल हैं।
  2. इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) – यह एक स्वतंत्र सैन्य संगठन है, जो सीधे सर्वोच्च नेता के नियंत्रण में काम करता है। इसमें IRGC ग्राउंड फोर्सेज, एयरोस्पेस फोर्स, नेवी और कुद्स फोर्स (विदेशी संचालन इकाई) शामिल हैं।
  3. बासिज मिलिशिया – यह एक स्वयंसेवी अर्धसैनिक बल है, जिसका उपयोग आंतरिक सुरक्षा और जनसंघर्षों में किया जाता है।

रिपोर्टों के अनुसार, ईरान के पास 600,000 से अधिक सक्रिय सैनिक और 900,000 से अधिक रिजर्व सैनिक हैं। यदि बासिज जैसे अर्धसैनिक बलों को भी जोड़ दिया जाए, तो ईरान की कुल सैन्य संख्या लगभग 1.5 मिलियन तक पहुँच जाती है।

इसराइल की सैन्य क्षमता

इसराइल की सेना को इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) कहा जाता है, जिसमें थल सेना, वायु सेना और नौसेना शामिल हैं। इसराइल में अनिवार्य सैन्य सेवा (Mandatory Military Service) लागू है, जिसके कारण इसकी रिजर्व सेना अत्यधिक प्रशिक्षित और सक्रिय रहती है।

इसराइल के पास लगभग 170,000 सक्रिय सैनिक और 460,000 रिजर्व सैनिक हैं। हालाँकि, संख्या की दृष्टि से ईरान की सेना बड़ी है, लेकिन इसराइल की सेना अपनी तकनीकी उन्नति, प्रशिक्षण और रणनीतिक साझेदारियों के कारण मध्य पूर्व की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक मानी जाती है।


2. वायु सेना की तुलना

ईरान की वायु सेना

ईरान की वायु सेना (IRIAF और IRGC Aerospace Force) मुख्य रूप से पुराने रूसी और अमेरिकी विमानों पर निर्भर है, जैसे:

  • मिग-29, सुखोई-24, और F-14 टॉमकैट (1970 के दशक के अमेरिकी विमान जो अभी भी सेवा में हैं)।
  • ईरान ने अपने स्वदेशी ड्रोन (जैसे Shahed-136) और क्रूज मिसाइलें (जैसे Fateh-110) विकसित की हैं।

हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ईरान को नए और उन्नत लड़ाकू विमानों की खरीद में कठिनाई होती है, जिससे उसकी वायु क्षमता सीमित हो जाती है।

इसराइल की वायु सेना

इसराइल की वायु सेना (IAF) को दुनिया की सबसे उन्नत वायु सेनाओं में से एक माना जाता है। इसके पास अमेरिकी-निर्मित उन्नत लड़ाकू विमान हैं, जैसे:

  • F-35 स्टील्थ फाइटर जेट (मध्य पूर्व में सबसे उन्नत)।
  • F-15 और F-16 विमान (जिन्हें इसराइल ने अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपग्रेड किया है)।
  • इसराइल ने अपने स्वदेशी ड्रोन (जैसे Hermes 900) और मिसाइल डिफेंस सिस्टम (जैसे Iron Dome) भी विकसित किए हैं।

इसराइल की वायु सेना ने कई युद्धों में अपनी श्रेष्ठता साबित की है, जिसमें 1967 के छह-दिवसीय युद्ध और 1981 में ईराक के परमाणु रिएक्टर पर हमला शामिल है।


3. नौसेना की तुलना

ईरान की नौसेना

ईरान की नौसेना दो भागों में बँटी है:

  1. नियमित नौसेना – जिसमें फ्रिगेट्स, कोरवेट और सबमरीन शामिल हैं।
  2. IRGC नेवी – जो तेज़ हमला करने वाली नौकाओं और असिमेट्रिक वॉरफेयर (जैसे मिसाइल हमले) पर ध्यान केंद्रित करती है।

ईरान ने हाल के वर्षों में हॉर्मुज जलडमरूमध्य में अपनी नौसैनिक क्षमता बढ़ाई है और स्वदेशी मिसाइल नौकाएँ (जैसे शहीद नौकाएँ) विकसित की हैं।

इसराइल की नौसेना

इसराइल की नौसेना अपेक्षाकृत छोटी है, लेकिन तकनीकी रूप से उन्नत है। इसके पास:

  • डॉल्फिन-क्लास सबमरीन (जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मानी जाती हैं)।
  • साइन 6 कोरवेट (जो हमला और रक्षा दोनों के लिए उपयोगी हैं)।

इसराइल की नौसेना का मुख्य फोकस भूमध्य सागर और लाल सागर में सुरक्षा सुनिश्चित करना है।


4. मिसाइल और परमाणु क्षमता

ईरान की मिसाइल तकनीक

ईरान के पास मध्यम और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जैसे:

  • शहाब-3 (1,300 किमी रेंज)।
  • एमाद मिसाइल (सटीक निशाना लगाने वाली)।
  • क्रूज मिसाइलें (जैसे सूर्य)।

ईरान परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उसके पास परमाणु बम है या नहीं।

इसराइल की मिसाइल और परमाणु क्षमता

इसराइल के पास दुनिया के सबसे उन्नत मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं, जैसे:

  • आयरन डोम (रॉकेट हमलों को रोकने के लिए)।
  • एरो मिसाइल डिफेंस (लंबी दूरी की मिसाइलों को नष्ट करने के लिए)।

इसराइल के पास परमाणु हथियार भी हैं (हालाँकि यह आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं करता), और यह माना जाता है कि इसके पास 80-400 परमाणु वारहेड हो सकते हैं।


5. निष्कर्ष

ईरान और इसराइल दोनों ही मध्य पूर्व की प्रमुख सैन्य शक्तियाँ हैं, लेकिन उनकी रणनीतियाँ और क्षमताएँ अलग-अलग हैं।

  • ईरान के पास संख्या बल अधिक है, लेकिन उसके हथियार पुराने और प्रतिबंधों से प्रभावित हैं।
  • इसराइल के पास तकनीकी श्रेष्ठता है, विशेष रूप से वायु सेना और मिसाइल रक्षा में।

यदि दोनों देशों के बीच सीधा युद्ध होता है, तो इसराइल की वायु शक्ति और परमाणु क्षमता उसे फायदा दे सकती है, जबकि ईरान अपने मिसाइल हमलों और प्रॉक्सी युद्ध (हिजबुल्लाह, हमास जैसे समूहों के माध्यम से) का उपयोग कर सकता है।

अंत में, यह संघर्ष केवल सैन्य शक्ति का नहीं, बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक प्रभाव का भी है, जिसमें अमेरिका, रूस और अन्य वैश्विक शक्तियाँ भी शामिल हैं।

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