विमान हादसों में मुआवजा: यात्रियों के अधिकार और प्रक्रिया

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By Maanav Parmar

विमान हादसों में मुआवजा: यात्रियों के अधिकार और प्रक्रिया

विमान यात्रा को दुनिया के सबसे सुरक्षित परिवहन साधनों में से एक माना जाता है, लेकिन दुर्भाग्यवश कभी-कभी विमान हादसे हो जाते हैं, जिनमें यात्रियों की जान चली जाती है। ऐसी दुर्घटनाओं में मृतक यात्री के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा अंतरराष्ट्रीय और घरेलू नियमों के अनुसार तय किया जाता है और इसमें एयरलाइन, बीमा कंपनियाँ और कानूनी प्रावधान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम विमान हादसों में मुआवजे से जुड़े नियमों, प्रक्रियाओं और यात्रियों के अधिकारों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।


1. मुआवजे का कानूनी आधार

विमान दुर्घटनाओं में मुआवजा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर कानूनी ढाँचा बनाया गया है। इसमें निम्नलिखित प्रमुख समझौते और कानून शामिल हैं:

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए मॉन्ट्रियल कन्वेंशन (1999)

  • यह अंतरराष्ट्रीय समझौता विमान दुर्घटनाओं में यात्रियों, सामान और माल ढुलाई के नुकसान के लिए मुआवजे का प्रावधान करता है।
  • इसके अनुसार, एयरलाइन को स्वतः ही प्रति यात्री लगभग 1.4 करोड़ रुपये (1,28,821 SDR – Special Drawing Rights) तक का मुआवजा देना होता है, भले ही दुर्घटना में एयरलाइन की कोई गलती न हो।
  • अगर यह साबित हो जाए कि दुर्घटना एयरलाइन की लापरवाही या तकनीकी खामी के कारण हुई है, तो मुआवजे की रकम और बढ़ सकती है।

भारत में घरेलू उड़ानों के लिए नियम

  • भारत में, कारेज बाय एयर एक्ट, 1972 और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के नियम लागू होते हैं।
  • घरेलू उड़ानों में मृतक यात्री के परिवार को कम से कम 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है।
  • अगर यात्री ने अपने टिकट के साथ कोई अतिरिक्त बीमा लिया हो, तो मुआवजा और अधिक मिल सकता है।

2. मुआवजे के प्रकार और रकम

विमान हादसों में मृतक यात्री के परिवार को निम्नलिखित प्रकार के मुआवजे मिल सकते हैं:

A. एयरलाइन द्वारा दिया जाने वाला मुआवजा

  1. अंतरराष्ट्रीय उड़ानें:
    • न्यूनतम मुआवजा: 1.4 करोड़ रुपये (मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत)।
    • अधिकतम मुआवजा: यदि एयरलाइन की गलती साबित होती है, तो यह रकम कई गुना अधिक हो सकती है।
  2. घरेलू उड़ानें:
    • न्यूनतम मुआवजा: 20 लाख रुपये (भारत सरकार के नियम अनुसार)।
    • कुछ एयरलाइंस अपनी नीति के तहत अधिक राशि दे सकती हैं।

B. यात्रा बीमा के तहत मिलने वाला मुआवजा

  • अगर यात्री ने अपनी उड़ान से पहले यात्रा बीमा (Travel Insurance) खरीदा हो, तो उसके परिवार को अतिरिक्त राशि मिल सकती है।
  • यात्रा बीमा के तहत 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का क्लेम किया जा सकता है।
  • कुछ पॉलिसियों में दुर्घटना में स्थायी विकलांगता के लिए भी कवर मिलता है।

C. अन्य वित्तीय सहायता

  • कुछ देशों में सरकार द्वारा अनाथ पेंशन या शिक्षा सहायता भी दी जाती है।
  • अगर मृतक यात्री किसी कंपनी का कर्मचारी था, तो कर्मचारी बीमा (Group Insurance) से भी लाभ मिल सकता है।

3. मुआवजा पाने की प्रक्रिया

विमान हादसे में मृतक यात्री के परिवार को मुआवजा पाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने पड़ते हैं:

A. प्राथमिक रिपोर्ट और दस्तावेज़ जमा करना

  1. मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate): यह अस्पताल या सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी किया जाता है।
  2. टिकट और बोर्डिंग पास: यह साबित करने के लिए कि यात्री उस उड़ान में सवार था।
  3. पहचान प्रमाण (Passport/Aadhaar): मृतक और दावेदार के बीच संबंध साबित करने के लिए।

B. एयरलाइन या बीमा कंपनी से संपर्क करना

  • एयरलाइन या उसकी बीमा कंपनी से क्लेम फॉर्म लेना होता है।
  • फॉर्म के साथ सभी जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होते हैं।

C. मुआवजे का भुगतान

  • ज्यादातर मामलों में, एयरलाइन या बीमा कंपनी 30-60 दिनों के भीतर मुआवजे की राशि जारी कर देती है।
  • अगर मामला कोर्ट में जाता है (जैसे कि एयरलाइन की लापरवाही साबित करने के लिए), तो प्रक्रिया लंबी हो सकती है।

4. विवाद और चुनौतियाँ

हालांकि मुआवजे के नियम स्पष्ट हैं, लेकिन कई बार परिवारों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है:

A. एयरलाइन द्वारा देरी या इनकार

  • कुछ एयरलाइंस मुआवजा देने में देरी करती हैं या तकनीकी कारणों से दावा खारिज कर देती हैं।
  • ऐसे मामलों में सिविल कोर्ट या उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज करना पड़ सकता है।

B. बीमा कंपनियों के सख्त नियम

  • बीमा कंपनियाँ अक्सर छोटी-छोटी शर्तों का हवाला देकर क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं।
  • इसलिए, यात्रियों को हमेशा बीमा पॉलिसी की शर्तें ध्यान से पढ़नी चाहिए

C. अंतरराष्ट्रीय मामलों में कानूनी जटिलताएँ

  • अगर हादसा विदेश में होता है, तो विदेशी कानून और भाषा की बाधाएँ परेशानी खड़ी कर सकती हैं।
  • ऐसे मामलों में भारतीय दूतावास या अंतरराष्ट्रीय कानूनी विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ सकती है।

5. निष्कर्ष: यात्रियों के लिए सावधानियाँ

विमान हादसों में मुआवजा पाना एक कानूनी अधिकार है, लेकिन परिवारों को इस प्रक्रिया में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यात्रियों को निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए:

  1. हमेशा यात्रा बीमा लें – इससे अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है।
  2. टिकट और बीमा दस्तावेज़ सुरक्षित रखें – आपातकाल में ये काम आते हैं।
  3. एयरलाइन और बीमा कंपनी की नीतियाँ पढ़ें – ताकि मुआवजे के दावे में कोई दिक्कत न हो।

विमान दुर्घटनाएँ दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं, लेकिन सही जानकारी और कानूनी प्रक्रिया का पालन करके परिवारों को न्यायसंगत मुआवजा प्राप्त हो सकता है।

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