श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का वित्तीय विवरण (2024-25): आय, व्यय और भक्तों का योगदान

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By Maanav Parmar

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का वित्तीय विवरण (2024-25): आय, व्यय और भक्तों का योगदान

प्रस्तावना

अयोध्या में स्थित भव्य श्री रामलला मंदिर न केवल भारत बल्कि सम्पूर्ण विश्व के हिंदुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र बन चुका है। मंदिर के संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास है, जो मंदिर के विकास, रखरखाव और धार्मिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करता है। पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान ट्रस्ट ने 316.57 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जबकि इसी अवधि में 642.55 करोड़ रुपये का व्यय हुआ। यह आंकड़े मंदिर के प्रति जनभावना, भक्तों की आस्था और ट्रस्ट के प्रबंधन कौशल को दर्शाते हैं।

मंदिर की आय के स्रोत

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को आय के विभिन्न स्रोतों से धन प्राप्त होता है, जिसमें भक्तों का सीधा दान, बैंक ब्याज और अन्य माध्यम शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में आय के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित रहे:

1. भक्तों द्वारा सीधे दान पेटी में अर्पित राशि (94.30 करोड़ रुपये)

मंदिर में आने वाले लाखों भक्तों की श्रद्धा और भक्ति का प्रमुख साधन दान पेटी है। इस वर्ष दर्शनार्थियों ने सीधे दान पेटी में 94.30 करोड़ रुपये अर्पित किए। यह राशि भक्तों की अटूट आस्था और भगवान राम के प्रति समर्पण को दर्शाती है।

2. दान खाते में प्राप्त राशि (35.01 करोड़ रुपये)

कई भक्त और संगठन सीधे ट्रस्ट के दान खाते में धनराशि जमा कराते हैं। इस वर्ष इस माध्यम से 35.01 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जिसका उपयोग मंदिर के विकास और धार्मिक कार्यों में किया जाता है।

3. ऑनलाइन दान (12.79 करोड़ रुपये)

डिजिटल युग में ऑनलाइन दान का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। ट्रस्ट के ऑनलाइन पोर्टल और डिजिटल भुगतान माध्यमों के जरिए भक्तों ने 12.79 करोड़ रुपये का योगदान दिया। यह तरीका विशेष रूप से दूरदराज के भक्तों और प्रवासी भारतीयों के लिए सुविधाजनक है।

4. बैंक ब्याज एवं अन्य आय (174.47 करोड़ रुपये)

ट्रस्ट के पास जमा धनराशि पर प्राप्त बैंक ब्याज और अन्य निवेशों से आय भी एक प्रमुख स्रोत है। इस वर्ष इस श्रेणी में 174.47 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो कुल आय का एक बड़ा हिस्सा है।

मंदिर का व्यय (642.55 करोड़ रुपये)

आय की तुलना में ट्रस्ट का व्यय अधिक रहा, जो मंदिर के निर्माण, रखरखाव और अन्य गतिविधियों पर होने वाले खर्चों को दर्शाता है। प्रमुख व्यय निम्नलिखित हैं:

1. मंदिर निर्माण एवं विकास कार्य

श्री रामलला मंदिर का भव्य स्वरूप पूर्ण हो चुका है, लेकिन अभी भी कई विकासात्मक और सुविधा संबंधी कार्य चल रहे हैं। इसमें मंदिर परिसर का विस्तार, भक्तों के लिए बेहतर सुविधाएं और अन्य संरचनात्मक कार्य शामिल हैं।

2. प्रशासनिक एवं संचालन व्यय

मंदिर के दैनिक संचालन, कर्मचारियों के वेतन, सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक खर्चों पर भी एक बड़ी राशि व्यय हुई।

3. धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन

ट्रस्ट द्वारा विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, यज्ञों, भंडारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिस पर भी पर्याप्त धनराशि खर्च होती है।

4. चैरिटेबल एवं सामाजिक कार्य

ट्रस्ट समाज कल्याण के लिए भी कार्य करता है, जिसमें गरीबों को भोजन, शिक्षा, चिकित्सा सहायता और अन्य सामाजिक उपक्रम शामिल हैं।

भक्तों की आस्था: मंदिर की आर्थिक सफलता का आधार

श्री राम जन्मभूमि मंदिर की आय का प्रमुख स्रोत भक्तों की अगाध श्रद्धा है। लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन मंदिर में दर्शन करने आते हैं और दान देकर अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं। यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक बन चुका है।

निष्कर्ष

वित्तीय वर्ष 2024-25 में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 316.57 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई, जबकि 642.55 करोड़ रुपये का व्यय हुआ। यद्यपि व्यय आय से अधिक रहा, लेकिन यह मंदिर के निरंतर विकास और विस्तार को दर्शाता है। भक्तों के दान, बैंक ब्याज और अन्य स्रोतों से प्राप्त धनराशि का उपयोग मंदिर के संचालन, धार्मिक कार्यों और सामाजिक कल्याण में किया जाता है। भविष्य में भी यह मंदिर भारतीय संस्कृति और आस्था का केंद्र बना रहेगा, और भक्तों का अटूट विश्वास इसकी आर्थिक एवं आध्यात्मिक सफलता का आधार बना रहेगा।

जय श्री राम! 🙏

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